Saturday, 18 January 2014

पेट की बातें पेट में
घर की बातें घर में
यही समझ  सही समझ
न उलझे ,सब जाये सुलझ


अच्छी बातें ठंडी बातें
गरम बातेँ . गंदी बातें
सोचो ठंडा, बोलो ठण्डा
नहीं तो लगेगा मोटा  डंडा।


थोडा  रुकना, थोडा  झुकना
रोको कम ,झुकाओ कम।
न आंसू गिरे ,न रोना तुम
नाचो ,गावो ,झूमों तुम।


  

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