Judicial discussion by R . K . Rateria
Wednesday, 15 January 2014
विस्तार - विशालता -विष्मय- विचार
विस्तार कि यह विशालता विष्मय विचार तो उत्त्पन्न करते ही है,पर विचार करने योग्य होता है विस्तार कि सघनता , दिशा ,विस्तार का घनत्व ,विस्तार की तीब्रता।
काया की माया भ्रम पैदा करती है।
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