आज समझ में आ रहा है - साठ साल बिना छत के रहा हुआ दर्द
एक अदद छत इतनी बड़ी चीज है , साठ साल आये और गुजर गये .
आज समझ में आ रहा है -साठ साल अपनों के बिना रहने का दर्द
अपनों को खोजना इतना मुश्किल , मिलना उससे भी मुश्किल
आज समझ में आ रहा है- पहचान के बिना जीने का दर्द
कितना दर्द होता है फिर से खुद की ही पहचान बनाने में ,
एक अदद छत इतनी बड़ी चीज है , साठ साल आये और गुजर गये .
आज समझ में आ रहा है -साठ साल अपनों के बिना रहने का दर्द
अपनों को खोजना इतना मुश्किल , मिलना उससे भी मुश्किल
आज समझ में आ रहा है- पहचान के बिना जीने का दर्द
कितना दर्द होता है फिर से खुद की ही पहचान बनाने में ,
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