कामयाब तो वे भी होते हैं जो मसखरी करते फिरते है
बच्चों-बच्चियों के कारोबारी ,तम्बाकू के वे ब्यापारी
कैबरे ,जुए शराब -शबाब , वे सारे इकट्ठे ब्यभिचारी ,
देने-दिलाने , खाने खिलाने , पीने -पिलाने वाले वे
कामयाब तो वे ही होते हैं,कामयाब तो ये भी होते हैं
मसरफी न भी हो तो कामयाबी मसखरी हो सकती है,।
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