आपके और हमारे पहले भी अनंत बादल बरसे हैं। आपके और हमारे बाद भी अनंत बादल बरसेंगें।
भरने में बड़ा आनंद है। उससे भी अधिक आनंद खाली हो जाने में है। पर सच्चाई यह है कि न कोई कभी पूरा भरा है , न कभी कोई पूरा खाली हुआ है। .
जब जिसने जहां स्वयं को भरा मान लिया वहीं से वह बरसने के लिये तैयार हो चला।
बस लबालब भरी आर्द्रता जिसे आपने इतने संयम से , इतने परिश्रम से ,इतने धैर्य से प्राप्त किया है उसके त्याग के लिये तैयार हो जाईये। बूँद बूँद संग्रहित आनंद -अनुभूति को बांटने के लिये तैयार हो जाईये। अपने अंदर समहित निर्मल - नीर-सनेह को उड़ेल डालिये इसी धरा पर।
यही साध्य है - यही ज्ञेय है , यही लक्ष्य है।
भरने में बड़ा आनंद है। उससे भी अधिक आनंद खाली हो जाने में है। पर सच्चाई यह है कि न कोई कभी पूरा भरा है , न कभी कोई पूरा खाली हुआ है। .
जब जिसने जहां स्वयं को भरा मान लिया वहीं से वह बरसने के लिये तैयार हो चला।
बस लबालब भरी आर्द्रता जिसे आपने इतने संयम से , इतने परिश्रम से ,इतने धैर्य से प्राप्त किया है उसके त्याग के लिये तैयार हो जाईये। बूँद बूँद संग्रहित आनंद -अनुभूति को बांटने के लिये तैयार हो जाईये। अपने अंदर समहित निर्मल - नीर-सनेह को उड़ेल डालिये इसी धरा पर।
यही साध्य है - यही ज्ञेय है , यही लक्ष्य है।
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