Tuesday, 25 November 2014

किशोरावस्था जाते ही पुराने घाव, दृष्टि भ्रम तथा उचित ब्रेक का समय पर प्रयोग नहीं करने की गलती बहुत याद आती है, कभी कभी कचोटती है- पर अब कहूँ तो किसे कहूँ।

अब भी कुछ नहीं बिगड़ा है- बस कुछ हो गया जिसे अब दुबारा मत दोहराना।

वैसे तुम्हारे साथ ऐसा कुछ नही हुआ है जो मेरे या औरों के साथ नहीं हुआ।

उठो, खड़े हो जाओ, अभी तो चलना शुरू करना है।

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