Thursday, 20 November 2014

भाग्यशाली हैं वे जो पर्दे उठने के पहले चल दिये ,या जिन्हें पर्दे उठने के पहले ही उठा लिया गया , या उठा दिया गया ., वरना हमाम में तो सारे नंगे ही थे .
हमाम से बाहर जब जब जो जो आये ,सब सज धज कर ही आये ,इतर -फुलेल मणि -माला , मुकुट,सोने चांदी से मढें ही आये ,असलियत तो सोई थी बेबस हो . 
हम सब बस ढके ,ओढ़े ,पर्दों के पीछे ही अच्छे हैं - जिस-जिस का पर्दा उठा उस उस की असलियत सामने आती गयी 

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