Wednesday, 26 November 2014

कमाने से अधिक जरूरी है न्यायपूर्ण उचित समाज हित में कमाई।
 सिगरेट, शराब , जुआ , नशा , धोखा , जाल फरेब , मिलावट , वैश्य वृत्ति , दास -बाल -वनिता -व्यवसाय , दुष्टता -पूर्ण हथियार , दुष्टता पूर्ण शोध , दुष्टता पूर्ण लेखन ,प्रकाशन , प्रभावन , दुष्टतापूर्ण कला -विज्ञानं -लिखा-पढ़ा ,रिश्वत देना लेना , हत्या -बलात्कार , चोरी , बेईमानी  यदि कानूनन वैध भी कर दिया जाये तो यह सब न्यायपूर्ण -उचित तो नहीं ही हो जायेगा - तब इस रास्ते समाज को लूटा तो जा सकता है  - ये सब कमाने के माध्यम नहीं हो सकते - न ही यह कमाई हो सकती है। 

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