इतिहास कुल वंश नहीं केवल पुरुषार्थ ही गाता है। वनगमन कथा , ताड़का वध , रावण वध ही गाता है - किसी राजा की भब्यता इतिहास की विषय वस्तु नहीं होती नहीं।
वह रीतिकालीन श्रृंगारोन्मत्त विकृति का हिस्सा हो सकता है , कुमारशम्भवम का हिस्सा हो सकता है , भावी पीढ़ी को बताये जाने वाले इतिहास में तो ऊपर कहा पुरुषार्थ , महाराणा पुरुषार्थ , शिवाजी पुरुषार्थ , कोलंबस पुरुषार्थ , मैग्लेन पुरुषार्थ , वराह मिहिर -वाणभट्ट पुरुषार्थ ही स्थान पायेगा।
वह रीतिकालीन श्रृंगारोन्मत्त विकृति का हिस्सा हो सकता है , कुमारशम्भवम का हिस्सा हो सकता है , भावी पीढ़ी को बताये जाने वाले इतिहास में तो ऊपर कहा पुरुषार्थ , महाराणा पुरुषार्थ , शिवाजी पुरुषार्थ , कोलंबस पुरुषार्थ , मैग्लेन पुरुषार्थ , वराह मिहिर -वाणभट्ट पुरुषार्थ ही स्थान पायेगा।
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