Sunday, 25 June 2017

माना कि जहर मुझमें है , और है भी बड़ा तीखा !
पहले तो था नहीं , पहले पहल था ये कब दिखा ?
बताता तो जा ,आया कहाँ से ,सान किसने चढ़ाई !
कहीं यह जहर तुम्हारा ही दिया हुआ तो नहीं है ?

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