एक सफाई कर्मी ने आपका , समाज का भला किया , सेवा की , आपको सुख दिया , सुरक्षा दी ,अपना जीवन जोखिम में डाला।
बदले में आपने क्या दिया।
उसे अपमान दिया , जीवित रहने भर ही मजदूरी दी। नीच कहा। उसके कुल -परिवार को एक ऐसी सामूहिक संज्ञा दे डाली जिसे आप हेय -घृणा -दुर्दिन का परिचायक , गाली , श्राप मानते है।
आपकी सेवा करने वाले से आप ऐसा ही बर्ताव करते है। ऐसे सेवक के पुरे परिवार का बहिष्कार कर डालते है। उसे ऐसी परिस्थिति में जीने के लिए विवश करते है की वह आपके लिए केवल नई सफाई कर्मी की नस्ल ही पैदा करता रहे। आप उसे मुख्य धारा के आस पास भी फटकने नहीं देना चाहते।
सेवा परमो धर्मः , परन्तु सेवक परम् अधमः ।
बोलने में सेवा का फल मेवा - पर वास्तव में सेवा का फल धिक्कार - असहयोग - बहिष्कार -अपमान - भूख।
बदले में आपने क्या दिया।
उसे अपमान दिया , जीवित रहने भर ही मजदूरी दी। नीच कहा। उसके कुल -परिवार को एक ऐसी सामूहिक संज्ञा दे डाली जिसे आप हेय -घृणा -दुर्दिन का परिचायक , गाली , श्राप मानते है।
आपकी सेवा करने वाले से आप ऐसा ही बर्ताव करते है। ऐसे सेवक के पुरे परिवार का बहिष्कार कर डालते है। उसे ऐसी परिस्थिति में जीने के लिए विवश करते है की वह आपके लिए केवल नई सफाई कर्मी की नस्ल ही पैदा करता रहे। आप उसे मुख्य धारा के आस पास भी फटकने नहीं देना चाहते।
सेवा परमो धर्मः , परन्तु सेवक परम् अधमः ।
बोलने में सेवा का फल मेवा - पर वास्तव में सेवा का फल धिक्कार - असहयोग - बहिष्कार -अपमान - भूख।
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