सोनिया गाँधी ने विपक्षी दलों. की बैठक आहूत की और इस प्रकार कांग्रेस को दूसरे ध्रुव के रूप में स्थापित करेंगी। इस बैठक में उपस्थित हो कर पार्टियाँ प्रकारान्तर से कांग्रेस की सर्वोच्चता स्वीकार करती दिखेगी।
इन सब के बीच नितीश जी ही स्वविवेकी कहलायेंगे। यदि कांग्रेस का और क्षय हुआ तो नितीश जी के राष्ट्रिय परिदृश्य पर अकल्पनीय उदय को कोई नहीं रोक सकेगा।
नितीश जी ने राजनैतिक चातुर्य , शालीन सार्वजनिक संवाद , स्वतंत्र निर्णय क्षमता , अपनी गलतियों को समझ उसे स्वीकार कर परिमार्जन करने की हिम्मत , अति वाद से परहेज , जन भावना की समझ , सर्वस्वीकृति के लिये प्रयास-सामर्थ्य , राष्ट्रिय मूल्य-परिस्थिति-समस्या-समाधान-सोच- परिकल्पना के प्रति समुचित समझ , तथा सुचिता -पारदर्शिता के प्रति आग्रह, प्रसाशनिकक्षमता ,शारीरिक स्वास्थ्य , सभी कुछ स्पष्ट है
इन सब के बीच नितीश जी ही स्वविवेकी कहलायेंगे। यदि कांग्रेस का और क्षय हुआ तो नितीश जी के राष्ट्रिय परिदृश्य पर अकल्पनीय उदय को कोई नहीं रोक सकेगा।
नितीश जी ने राजनैतिक चातुर्य , शालीन सार्वजनिक संवाद , स्वतंत्र निर्णय क्षमता , अपनी गलतियों को समझ उसे स्वीकार कर परिमार्जन करने की हिम्मत , अति वाद से परहेज , जन भावना की समझ , सर्वस्वीकृति के लिये प्रयास-सामर्थ्य , राष्ट्रिय मूल्य-परिस्थिति-समस्या-समाधान-सोच- परिकल्पना के प्रति समुचित समझ , तथा सुचिता -पारदर्शिता के प्रति आग्रह, प्रसाशनिकक्षमता ,शारीरिक स्वास्थ्य , सभी कुछ स्पष्ट है
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