मेरे ऑंसुओं के हाहाकार को भी सुनों
मेरी चीत्कार को कोई कभी तो सुनो।
तालियों की गड़गड़ाहट से मत दबाओ
हँसी के फूलों से इन्हें यूँ मत सजाओ।
तुम्हारे कदमों के निशान बेशक बनाओ
जलने लगे तो बताना , हथेली बिछा दूंगा।
मेरी चीत्कार को कोई कभी तो सुनो।
तालियों की गड़गड़ाहट से मत दबाओ
हँसी के फूलों से इन्हें यूँ मत सजाओ।
तुम्हारे कदमों के निशान बेशक बनाओ
जलने लगे तो बताना , हथेली बिछा दूंगा।
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