कश्मीर में , बस्तर में सुकमा में भीड़ के आड़ में पिटती ( पिटवाई ) जाती , पुलिस और सेना
बच्चों , महिला , छात्र -छात्रा की आड़ में बनती , बनाई जाती , बनवाई, उकसाई जाती भीड़।
इन्हीं बच्चों , महिला , छात्र -छात्रा की आड़ में छिपती , मारती ,काटती नारे लगाती भीड़
और कैम्पस में टुकड़े होने की आश में जश्न मनाते , सेमिनार करते क्लासिकल इंटेलेक्चुल।
कहीं किसी कोने में युवकों की मनबढ़ू हरकतों से आया था उबाल , बहा था खून , शांत हो गया
उन्होंने कागज -पट्ट -शिलायें लिख दी - आज भीड़ के हाथों कानून का सरे आम कत्ल हो गया।
बच्चों , महिला , छात्र -छात्रा की आड़ में बनती , बनाई जाती , बनवाई, उकसाई जाती भीड़।
इन्हीं बच्चों , महिला , छात्र -छात्रा की आड़ में छिपती , मारती ,काटती नारे लगाती भीड़
और कैम्पस में टुकड़े होने की आश में जश्न मनाते , सेमिनार करते क्लासिकल इंटेलेक्चुल।
कहीं किसी कोने में युवकों की मनबढ़ू हरकतों से आया था उबाल , बहा था खून , शांत हो गया
उन्होंने कागज -पट्ट -शिलायें लिख दी - आज भीड़ के हाथों कानून का सरे आम कत्ल हो गया।
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