हश्र सब का बस यही होता है
उगो ,उपजो ,ऊफनो , उधियाओ।
बीज से बीज तक की यात्रा करो
सब कुछ करो , यहीं छोड़ भी दो।
और फिर एक दिन रीते बह जाओ
समय की रेत का राजा है कौन ?
अमर हो जाने की जुगत में है सब
दाँव लगेगा देखते है, पर देखो कब ?
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