रोटी कपड़ा मकान के लिये चले हम आज स्मार्ट फोन , टावर और वाई फाई तक तो पहुंचे है ।
खुले में निपटते हम , गोबर चुनता बचपन ,अभी भी वहीं ,हम तो उनकी बेवफाई तक पहुंचे है।
खुले में निपटते हम , गोबर चुनता बचपन ,अभी भी वहीं ,हम तो उनकी बेवफाई तक पहुंचे है।
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