Saturday, 10 June 2017

रोटी कपड़ा मकान के लिये चले हम आज स्मार्ट फोन , टावर और वाई फाई तक तो  पहुंचे है ।
खुले में निपटते हम , गोबर चुनता बचपन ,अभी भी वहीं ,हम तो उनकी बेवफाई तक पहुंचे  है। 

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