Wednesday, 28 June 2017

प्रावधान बनाना ही तो राजनितिक अधिकारिता का प्रयोग है।  प्रावधान भगवान थोड़े बनाता है।  और सरकारें है किस बात के लिये।  देश की जनता जिसे भारत-रत्न समझे उसको समझना , करना सरकार का काम है।  यह तो केबिनेट क्र सकता है। 

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