अपने अन्दर के विद्यार्थी तत्व को और प्रखर करों।
कुछ और सपने खाओ -पीओ।
थोड़ी नींद और उड़ाओ , भगाओ।
पसीने को और बहने दो।
कंठ को दो चार बार सूखने दो।
पेट को कभी कभी जलने दो।
पुस्तकों के साथ अभिसार करो।
सफलता का जूनून चढ़ा लो
यश स्खलित , लक्ष्य स्खलित होने से बचो।
देखो , सफलता सुंदरी ,परी सी -
एक सुबह खुद चली आएगी
तुम्हारे आगोश में
और तब करेंगे खूब चकल्लस
मजे करेंगे , धूम मचायेंगे
सेज सजायेंगे ,सपने नचायेंगे।
सफलता का जश्न मनाएंगे।
बस तनिका सा ठहर एक बार लगो तो सही
कुछ और सपने खाओ -पीओ।
थोड़ी नींद और उड़ाओ , भगाओ।
पसीने को और बहने दो।
कंठ को दो चार बार सूखने दो।
पेट को कभी कभी जलने दो।
पुस्तकों के साथ अभिसार करो।
सफलता का जूनून चढ़ा लो
यश स्खलित , लक्ष्य स्खलित होने से बचो।
देखो , सफलता सुंदरी ,परी सी -
एक सुबह खुद चली आएगी
तुम्हारे आगोश में
और तब करेंगे खूब चकल्लस
मजे करेंगे , धूम मचायेंगे
सेज सजायेंगे ,सपने नचायेंगे।
सफलता का जश्न मनाएंगे।
बस तनिका सा ठहर एक बार लगो तो सही
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