सामाजिक रूप से तो हैं - कम से कम जगजीवन बाबू की कंस्टिच्युएंसी में मैंने उन्हें वोट मांगते देखा और उनके सामाजिक अपमान को स्वयं देखा। उनके दिल्ली मंत्री निवास का चौका इसका गवाह होता था। सन सतहत्तर में उन्हें शायद इसी कारण प्रधान मंत्री नहीं बनने दिया गया।
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