आपके जाने के बाद ही आपकी चर्चा हो सकेगी ,पर यह चर्चा एवं इसका स्वरूप इस बात पर निर्भर होगा की आपके बाद की पीढी कितनी सक्षम है ..आपका अपना यश अथवा अपयश ही नहीं ,बाद वाली पीढ़ी के साधन ,मानसिकता आदि भी आपकी छवि बनने-बनाने , बिगड़ने बिगाड़ने - में सहायक अथवा बाधक होंगे . दुसरे केवल इस बात पर आपके बारे में कोई धारणा बनाते हैं या प्रकट करते हैं कि आपने अपने आप को उनके हवाले उनके लिये कितना किया ,अथवा नहीं किया .
आप खुद कैसे जीए या रहे , यह उनके लिये कोई खास महत्त्व की बात नहीं हैं .
वे आपको शहीद कहेंगे क्यों की आप उनकेलिए मरे .उन्हें अपना भविष्य चाहिये ,चाहे इसका मूल्य वर्तमान का सम्पूर्ण अस्तित्व ही क्यों न हो .
हर वर्तमान भूत के अवदान पर ही खड़ा होता है
आप खुद कैसे जीए या रहे , यह उनके लिये कोई खास महत्त्व की बात नहीं हैं .
वे आपको शहीद कहेंगे क्यों की आप उनकेलिए मरे .उन्हें अपना भविष्य चाहिये ,चाहे इसका मूल्य वर्तमान का सम्पूर्ण अस्तित्व ही क्यों न हो .
हर वर्तमान भूत के अवदान पर ही खड़ा होता है
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