Judicial discussion by R . K . Rateria
Wednesday, 15 April 2015
मुझे उम्मीद छोड़ने को मजबूर नहीं कर सकते . मैं उम्मीद तब भी रखूँगा जब कोई दूसरा उम्मीद की उम्मीद भी छोड़ रहा होगा और मैं जानता हूँ मेरी उम्मीद कामयाब होगी - बस फासला वक्त का है
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