Friday, 10 April 2015

और अपनी चाची -माँ के हाथों माला पहन कर धन्य हो गया .अपने माता पिता से मिले प्रेम तो मेरा ज्न्म से अधिकार है - उनके हाथों सम्मान का मतलब है उन्होंने मेरी जीवन यात्रा के फलाफल पर अपनी स्वीकृति की मोहर लगा दी .मेरे लिये ये अन्यतम पुरुस्कार तथा उपलब्धि है . प्रणाम !!!
पितृ-देवों को  प्रणाम .
गृह देवों को प्रणाम .
गृह देवियों को प्रणाम .
वंश के समस्त पूर्वजों को प्रणाम .
समस्त गुरु जनों को प्रणाम .
मनोकामना सिद्धिदात्रि  समस्त  भगवातियो को प्रणाम .
विघ्न -बाधा हरन कारिणी समस्त शक्तियों को प्रणाम .
समस्त संताप कारी  शक्तियों के विनाशक विष ब्याधि हर्ता  शिव के समस्त रूपकों को प्रणाम .
समस्त सफलता एवं सिद्धियों के दाता  समस्त गणेश रूपी  देवों एवं  शाक्तियों को अनंत प्रणाम 

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