Monday, 13 April 2015

जिस जिस  ने जब जब  जैसे जैसे  बुलाया वैसे वैसे आना पड़ा ,भेजा तो जाना पड़ा ,कराया तो करना पड़ा , नचाया तो नाचना पड़ा ,लिखाया तो लिखना पड़ा ,पूछा तो बताना पड़ा ,ओढाया तो ओढना पड़ा ,बैठाया तो बैठना पड़ा ,उठाया तो उठना पड़ा , गवाया तो गाना पड़ा , सुलाया तो सोना पड़ा ,छुड़ाया तो छोड़ना पड़ा ,भगाया तो भागना पड़ा ,छिपाया तो छिपना पड़ा .----अपना तो कुछ न था , न है , न होगा .,न कुछ अपना रखा ,न रखना है, न रखूँगा . - इसलिए कभी हिल-हुज्जत भी न की थी  , न करनी आती है ,न करता हूँ ,न करूँगा 

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