Judicial discussion by R . K . Rateria
Saturday, 11 April 2015
जाने कहाँ गये मेरे अपने ,
जाने कहाँ गये मेरे सपने ,
अपनों के साथ जो देखा
वो सपना औ वो अपना
इस तरह तो कसे कटेगी
यह रात औ यह जिन्दगी
कोई भी क्या साथ न देगा
कौन आखिर माफ़ करेगा
कदम किस ओर बढ़ाऊँ
कहाँ कोई अपना मिलेगा
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