तुम्हारे साथ हुआ अन्याय मेरे साथ हुए अन्याय के दर्द को कम तो नहीं ही कर देगा . तुम्हारे साथ हुआ अन्याय मेरे अन्याय का प्रतिकार या निवारण तो नहीं ही है ,न ही मैं इसका कार्य या कारण हूँ . तुम तुम्हारी जानो , एक वक्त था जब शायद मेरे साथ हो रहे अन्याय के तुम साक्षी तो थे ही ,हो सकता है तुमने अपनी और से कुछ योगदान भी किया हो .
No comments:
Post a Comment