छोटे छोटे कदमों से ही मनुष्य ने अभी तक की यह महती यात्रा की है ,आगे भी इन्हीं छोटी छोटी हथेलियों से छोटी छोटी इंट एक के बाद एक हम रखते जायेंगे और आगे का जमाना गढ़ते जायेंगें ,हर कदम नई दुनिया बसाते जायेंगे .
सहस्त्राब्दियाँ नन्हें पलों से ही बनती रही है , समुद्र बूंदों का ही संमुच्चय है , वास्प-कण ही शक्तिशाली बादल बन घनघोर चमक गर्जन और बिजली पैदा करते हैं .
सहस्त्राब्दियाँ नन्हें पलों से ही बनती रही है , समुद्र बूंदों का ही संमुच्चय है , वास्प-कण ही शक्तिशाली बादल बन घनघोर चमक गर्जन और बिजली पैदा करते हैं .
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