Saturday, 13 September 2014

चुपचाप पहला कदम चल दिया , किसी को पता भी नहीं था ,और एक अनंत जीवन यात्रा शुरू हो चुकी थी .
आज तो कई आगे पीछे हैं ,कुछ साथ में हैं , कुछ विरोध में ,कुछ प्रतीक्षा में .
कितनो को किसी अनहोनी का डर सता रहा , तो कोई उस अनहोनी  को होनी हो जाने की जुगत में लगा , कोई यात्रा की सफलता मनाता  फिरता तो किसी को  सब कुछ एक षड्यंत्र , व्यवसाय ,नाटक , अनावश्यक , असंभव और न जाने क्या क्या लगता है .
पर जिसने विश्वास के साथ पहला कदम उठाया वह इन सबसे बेखबर बस अनंत यात्रा का अगला कदम उठाते जा रहा है , आगे भी चलते ही रहेगा ,स्तुति -निंदा से प्रे , संयोग वियोग से बेफिक्र , सहयोग -विरोध से अन्यमनस्क .

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