Tuesday, 16 September 2014

आपने बहुत कुछ किया होगा .सही क्या क्या किया ,आज तक सभी को खूब बताया ,वाही वाही ली ,प्रशंसा प्राप्त की ,उससे जो सफलता मिली उससे आप आज महान भी हो गए .
पर क्या आपने अपने जीवन में केवल सब कुछ सही ही किया . गलत कुछ नहीं किया . गलत कुछ नहीं हुआ .
हुआ तो होगा ही .कुछ अतिरेक में , कुछ अज्ञानता वश , कुछ जानते भर , कुछ अनजाने में .
कई बार करने चले गलत हो गया सही .
किसी गोदाम में खुद घुसे चोरी छिपे चोरी करने . पहले से ही वहां चोर था ,खट पट हुई , आपने चोर को पकड़ कर हल्ला कर दिया -प्रचारित हुआ आपने चोर पकड़ा .आप खुद चोरी करने उस गोदाम में गये थे आज तक किसी ने न जाना .वह चोर तो जानता है पर न कह सकता है न उसका कहा कोई विश्वास करेगा .
बस आपकी गलतियाँ आपके सिवा कोई नहीं जानता
आपके अनुभव केवल आपकी बुद्धिमानी से किये कार्यों से ही पैदा नहीं हुए .आपके क्रोध,लालच ,काम-आवेग , आपके अहंकार ने ,आपकी लापरवाही ,आपके आलस्य ,आपकी बेवकूफी , मुर्खता ,अज्ञान आदि ने भी आपको ढेर सारा ज्ञान दिया ,अनुभव दिया .
आप उसे भी बता  देते तो अच्छा  होता .
आपने पूण्य तो किये ही होंगे तभी तो आज आप महान है पर आपने बहुत से पाप भी जाने अनजाने , कहे पर ,बहकावे में , नासमझी में ,लोभ वश किये होंगे .कुछ मजबूरी में किये होंगें .
उनका खुलासा कर  देते तो हम बहुत से लोग आश्वस्त होते की वैसे पाप केवल हमारे हाथों ही नहीं होते बल्कि  महान  लोगों ने भी किये हैं .  हमारा अपना पाप बोझ उतर जाता .
वैसे आप यह करते तो हैं ही .जो सब कुछ छोड़ आपके पास आपके मन का हो कर आपके कहे में चला जाता है उसे तो आप पाप-बोझ तथा पाप बोध दोनों से मुक्त कर ही देते है , पाप प्रभाव से भी .
उसे तो आप बताते ही होंगें की कोई खास बात नहीं है ,ऐसा मैं भी कर चूका हूँ ,या  मेरे हाथ से या मन से भी ऐसा हो चूका है और मैं उससे इस रास्ते मुक्त हुआ था .
मैं तो केवल आपको सर्व जन हिताय यही सब सार्वजनिक करने का आग्रह भर कर रहा हूँ .

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