इलाहबाद की घटना देखने के बाद समझ में आया की उस दिन मैंने आप लोगों को कैसे निकाल लेने में सफलता पाई होगी ,
आप लोगों के विरुद्ध मेरे समक्ष कोई विपरीत सामग्री तो थी नहीं , तब भी मुझे ऐसा कुछ कहा जा रहा था जिसके लिए मैं तैयार हो ही नहीं सकता था.
आप सब आज सुरक्षित हैं ,यह मेरे लिए संतोष की बात है .उससे भी बड़ी बात है आप सब की अस्मिता सुरक्षित है , अब तो आप में से लगभग सभी सुरक्षित हो चुके हैं
मेरे पास जब विपरीत सामग्री है ही नहीं तो मैं क्यों आप के भविष्य से खेलूं .
आप सभी मेरे पुत्रादि समान हैं , मैं आपकी अस्मिता पर किसी को भी अन्यथा देखने तक का अवसर कैसे दे सकता हूँ .
आप ससम्मान रहें .
आप सभी के भविष्य तथा सम्मान की कोई भी कीमत बड़ी नहीं हो सकती .
आप लोगों के विरुद्ध मेरे समक्ष कोई विपरीत सामग्री तो थी नहीं , तब भी मुझे ऐसा कुछ कहा जा रहा था जिसके लिए मैं तैयार हो ही नहीं सकता था.
आप सब आज सुरक्षित हैं ,यह मेरे लिए संतोष की बात है .उससे भी बड़ी बात है आप सब की अस्मिता सुरक्षित है , अब तो आप में से लगभग सभी सुरक्षित हो चुके हैं
मेरे पास जब विपरीत सामग्री है ही नहीं तो मैं क्यों आप के भविष्य से खेलूं .
आप सभी मेरे पुत्रादि समान हैं , मैं आपकी अस्मिता पर किसी को भी अन्यथा देखने तक का अवसर कैसे दे सकता हूँ .
आप ससम्मान रहें .
आप सभी के भविष्य तथा सम्मान की कोई भी कीमत बड़ी नहीं हो सकती .
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