Judicial discussion by R . K . Rateria
Friday, 19 September 2014
रीतिकालीन कविताएँ पिंगल शाश्त्र तथा काव्य शाश्त्र के दारुण बंधन में रह कर समाज का कौन सा भला कर सकीं -दादू ,सहजो-बाई , भिखारी ठाकुर ,ने क्या साहित्य की सेवा नहीं की .
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment