Monday, 22 September 2014

जिन्होंने कभी कोर्ट नहीं देखा , संसद नहीं देखी , कानून कोस्माज्में चलते फिरते ,अमल  में आते ,अमल  किये जाते नहीं देखा वे कानून पढाते हैं .
जिन्होंने कभी ब्यापा ,उद्योग  नहीं देखा ,ब्यापार, उद्योग किया नहीं ,जोखिम उठाया नहीं ,पूरी जिन्दगी वेतन भोगी थे ,बने रहेंगे ,जिनके आखों में कभी कोई बड़ा सपना है ही नहीं ,न कभी सपना देखा न पता है कि सपनों से क्या होता है , कैसा लगता है ,ब्यापारी,उद्योगपति की जिंदगी  नहीं देखी , उद्योग ,व्यापार को  चलते फिरते ,अमल  में आते ,अमल  किये जाते नहीं देखा वे प्रबन्धन ,मेनेजमेंट ,एन्त्रिप्रेन्योर्शिप  पढाते हैं .

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