Tuesday, 23 September 2014

काश! हमारे पास हमारे वैज्ञनिको जैसी कुछ और जमात होती .
आज और अभी भी यह पूछने वाले लोग हैं - जी हाँ खाते-पीते  , पढ़े-लिखे लोग - इससे हमें अभी क्या मिलेगा .
काश,मिलावट करने वाले , दो नम्बर की खाता बहियाँ बनाने -बनवाने वाले ,उन पर ठप्पा मरने वाले और उस ठप्पे को मान्यता देने वाले ,हर अपराधी को बच निकलने का रास्ता दिखाने वाले ,बच्चों, बछियों का  एक्सपोर्ट करने वाले ,नकली द्स्तावेज बनाने वाले ,नकली दस्तावेजों को कोर्ट में अपने सामने देख समझने के बाद भी चुप रहने वाले ,कहीं  तो शर्म करना शुरू तो करो ,अपनों को अपनों के लिए अपनों द्वारा ,अपनों का सिस्टम ,,परस्पर बंधेज , अब तो बदलो.

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