Saturday, 27 September 2014

क्या सच इतनी पीड़ा देता ही है
क्या सच इतनी ही पीड़ा देता है
क्या सच ही इतनी पीड़ा देता है
क्या सच इतनी पीड़ा ही देता है
जहर का प्याला
सलीब या शूली
नाम बाप का बताना
या अपनी जात बताना
चीर हरण करना
या कि करवाना
घर छोड़ देना
या घर छुडवा देना
जंगल चले जाना
या जंगल भेज दाना
इसके हाथ मरना
या उसके हाथ मरना
सच की खोज में मरना
खोज लिया सच तब मरना
सच खोजते हो , मरो
सच क्यों खोजा , मरो .
सच बोलते हो , मरो
सच क्यों बोला , मरो
सच देखते हो , मरो
सच क्यों देखते हो ,मरो
यही सच है ,तब मरो
यह सच क्यों है तब मरो
सच कहने सुनने पर
लिखने , दिखाने पर
इतना पहरा क्यों
इतना सन्नाटा क्यों
सच, पीड़ा और मौत
क्या पचा नहीं पाते हम
क्यों
क्यों

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