Monday, 29 September 2014


खुशामदी तत्काल पद पा जाते हैं , पद से यश का आभाष पा जाते है , पर वह कपूर की तरह उड़ जाने के लिए ही होता है , ठहरता ही नहीं - पद जायेगा ही ,पद गया और आभाष भी चला ही जायेगा

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