Monday, 15 September 2014

ये एक दाना गेहूँ है
दाना दाना गेहूं है
हर दाना ही गेहूँ है
हर दाना गेहूँ ही है

हर दाना गेहूँ है तो
यह गेहूँ है
नहीं तो यह कुछ भी हो
यह गेहूँ नहीं है .

यह गोदाम नहीं गेहूँ
यह बोरा नहीं गेहूँ
यह गद्दी नहीं गेहूँ
यह दाना गेहूँ है .

मट्टी का बेटा गेहूँ है
खेत में लेटा गेहूँ हैं
किसान का सपना गेहूँ है
उसका अपना गेहूँ है .


बोरे  तक तो मिहनत थी
गोदाम में तो बस लालच है
गद्दी में तो हेरा फेरी हैं
इन सब में न अपना गेहूँ है .

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