Monday, 15 September 2014

कम से कम इतना तो पुरुषार्थ करो ही कि तुम इतिहास को पीछे छोड़ सको और वर्तमान में इतना तो स्थान मिल ही जाये की भविष्य पूरी तरह से परमानेंटली डिलीट न कर दे
कुछ तो और कर के देखो तो सही ,कर सकते हो की नहीं .
कुछ तो ऐसा होने दो जो आज और अभी तक तो न था ,
किसी को इतना तो कहने दो ,यह तुम्हारे कारण संभव हुआ .
न सही , उन्हें यही कह लेने का अवसर दो -उसने अपने भर पूरा प्रयास किया.
प्रयास करने में क्या जाता है .
हाँ ,एक और प्रयास .
बस करते जाना है .
हारोगे ही तो सही , नहीं होगा -बस यही तो सही . नहीं होने दो - प्रयास को तो हो जाने दो .
दांत  पर दांत चढाओ -इस बार फिर एक प्रयास . 

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