मर्यादा और दायित्व की रक्षा करो , यदि यह सामाजिक व्यवस्था बन जाती है तो प्रत्येक अधिकार की रक्षा स्वयं हो जाएगी .
मर्यादा और दायित्व क बोध बालपन से ही सभी को करवाया जाये और इसे ही प्रवर्तित किया जाये तो अधिकार सभी के स्वतः सुरक्षित हो जायेंगें
मर्यादा और दायित्व क बोध बालपन से ही सभी को करवाया जाये और इसे ही प्रवर्तित किया जाये तो अधिकार सभी के स्वतः सुरक्षित हो जायेंगें
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