Saturday, 1 July 2017

जब सौ दो सौ लड़कों को एक कैम्पस या भी आई पी इलाके में नारे लगाने को सुरक्षा का आश्वासन दे उकसा कर इकट्ठा कर फिर उसकी विडीयो बना उसे राष्ट्रब्यापी जन आन्दोलन बता टी वी चैनलों पर चलवते हो तो कौन सा तन्त्र विकसित हो रहा होता है ।
ऐसे शो के प्रोड्यूसर ,डायरेक्टर और उकसाये गये लोग की फन्डींग कौन कर रहा है और क्यों।
ऐसे प्रोग्राम किये सिखाये गए प्रीप्लान शो को प्रचार प्रसार कौन और क्यों गलत लेबल ,डायरेक्शन, सेटअप , रिफरेंस और मैग्नीच्यूड , डिस्परपोस्नेट फैला या सिकोड़ कर किसने और क्यों फैलाया -पब्लिसिटी दी , मनो वही अखिल भारतीय वातावरण हो।
कैसे कैसी शब्दावली गढ़ी जाती थी।
यही पचासों साल से फर्जी कंनियों की जग जाहिर स्थिति थी। कभी इसे किसी ने ब्यापक प्रचार प्रसार क्र इस बिंदु पर जनमत बनाने की कोशिश की ?
इतनी फर्जी घालमेल आर्थिक लेनदेन , बचत , ऋण , चिट फंड , कृषि विनियोग , आदि अदि के बारे में कभी किसी ने आवाज उठाई।
डाक्टरों द्वारा कमीशन खोरी , वकीलों के घाल मेल , चार्टर्ड एकाउंटेंट के घाल मेल , आई ए एस आदि के घाल मेल पर कभी किसी ने कोई बड़ा क्या छोटा भी आंदोलन करने की शुरुआत भी की ?

No comments:

Post a Comment