Saturday, 8 July 2017

हाँ , सड़क ,ट्रेन , प्लेन आदि में हादसे होते रहते हैं।  यह जीवन चक्र के हिस्से है।
पर इनके बावजूद जीवन चक्र चलता रहता है निर्बाध , थोड़ा और सावधान - पर रुकता कोइ नहीं , रोकता कोइ नहीं।
बस इसी तरह फेसबुक , वाट्सएप या अन्य श्रोतों पर  पढ़े लिखे बच्चों , बृद्ध माता पिता , रिटायर्ड बुजुर्ग , देश  में दूर या विदेश में कार्यरत बेटे-बहू , बेटी -दामाद से संबन्धित किस्से कहानियों या हादसों के विवरण  से अपने चैन को डिस्टर्ब न करें।  ये हादसे हैं।  कहीं - कहीं , कभी - कभार हो ही जाते है , पर होते है हादसे।  सामान्यतः सब कुछ सुखद ही होता है। विश्वास करें - सब कुछ सामान्य सुखद ही होता आ रहा है। 

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