हाँ , सड़क ,ट्रेन , प्लेन आदि में हादसे होते रहते हैं। यह जीवन चक्र के हिस्से है।
पर इनके बावजूद जीवन चक्र चलता रहता है निर्बाध , थोड़ा और सावधान - पर रुकता कोइ नहीं , रोकता कोइ नहीं।
बस इसी तरह फेसबुक , वाट्सएप या अन्य श्रोतों पर पढ़े लिखे बच्चों , बृद्ध माता पिता , रिटायर्ड बुजुर्ग , देश में दूर या विदेश में कार्यरत बेटे-बहू , बेटी -दामाद से संबन्धित किस्से कहानियों या हादसों के विवरण से अपने चैन को डिस्टर्ब न करें। ये हादसे हैं। कहीं - कहीं , कभी - कभार हो ही जाते है , पर होते है हादसे। सामान्यतः सब कुछ सुखद ही होता है। विश्वास करें - सब कुछ सामान्य सुखद ही होता आ रहा है।
पर इनके बावजूद जीवन चक्र चलता रहता है निर्बाध , थोड़ा और सावधान - पर रुकता कोइ नहीं , रोकता कोइ नहीं।
बस इसी तरह फेसबुक , वाट्सएप या अन्य श्रोतों पर पढ़े लिखे बच्चों , बृद्ध माता पिता , रिटायर्ड बुजुर्ग , देश में दूर या विदेश में कार्यरत बेटे-बहू , बेटी -दामाद से संबन्धित किस्से कहानियों या हादसों के विवरण से अपने चैन को डिस्टर्ब न करें। ये हादसे हैं। कहीं - कहीं , कभी - कभार हो ही जाते है , पर होते है हादसे। सामान्यतः सब कुछ सुखद ही होता है। विश्वास करें - सब कुछ सामान्य सुखद ही होता आ रहा है।
No comments:
Post a Comment