इतिहास में भूलें होती ही है - कुछ मेरी , कुछ उनकी , कुछ आपकी भी। इसी इतिहास में राजा ,रानी ,ज्ञानी, अभिमानी , मदमत्त , प्रतिभाशाली , बलशाली सभी की भूलें भी होती है - कुछ सही हुआ होता है -कुछ गलत। कुछ जब हुआ तब तो गलत था पर बाद में सही होता चला गया। कुछ हुआ तो सही ही था पर होता गया गलत।
कौन जानता है कितनी गलती -किसकी गलती। किसके जख्म -किसकी मरहम।
इतिहास तो इतिहास होता है , एक बार जो इतिहास बन गया उसे दोबारा बदला नहीं जा सकता , बनाया नहीं जा सकता।
हाँ , उसे अपने विवेक से या अपनी निति से या राजनीती से लिख -बता सकते हो। ढँक सकते हो। इतिहास तब भी फिर से लिखा जाना -बन जाना -मिट जाना मुमकिन नहीं।
कौन जानता है कितनी गलती -किसकी गलती। किसके जख्म -किसकी मरहम।
इतिहास तो इतिहास होता है , एक बार जो इतिहास बन गया उसे दोबारा बदला नहीं जा सकता , बनाया नहीं जा सकता।
हाँ , उसे अपने विवेक से या अपनी निति से या राजनीती से लिख -बता सकते हो। ढँक सकते हो। इतिहास तब भी फिर से लिखा जाना -बन जाना -मिट जाना मुमकिन नहीं।
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