Wednesday, 12 July 2017

लोकतंत्र भीड़ के अनुरूप या भीड़ का सम्मान करने की ब्यवस्था का नहीं वरन कानून और न्यायालय का सम्मान करने वाली व्यवस्था का नाम है।
लोकतंत्र की पूर्णता सम्पूर्ण बहुमत सम्पन्न प्रधानमन्त्री द्वारा न्यायालय का सम्मान करते समय ही दीखता है।
न्यायालय बहुमत से नहीं न्यायमत से भी सोचता है , इसी न्यायमत के प्रति श्रद्धा ही लोकतन्त्र  है। 

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