Thursday, 13 July 2017

आप दीखते तो इत्ते बड़े हो ,
पर औरों के पैरों पर खड़े हो।
न जाने कहाँ कितना पढ़े हो
कब से यूँ हीं सिर पर चढ़े हो।
अपनी ही बात पर क्यूँ अड़े हो
यूँ  मुँह फुलाये कब से खड़े हो। 

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