बस हमारा चोरी कर लिया स्वाभिमान लौटा दो !
चरणरज सर पर लगाना जो सिखाया वह भुला दो।
चरणामृत पीना घुट्टी में पिलाया उसे हटा दो।
हमारे शारीरिक श्रम के मूल्य को न्यूनतम रखने और बेगारी के षड्यंत्र का पर्दाफाश कर दो।
हमे छू कर , हमारे साथ सो कर हम पर एहसान करने की परम्परा कैसे डाली बता तो दो।
ये स्वर्णजड़ित मुकुट - सिंहासन तुमने किस पुरुषार्थ से अरजे बता तो दो।
मुझे पूर्वजन्म और बाप-दादों के पाप से डराना कब तक बंद कर दोगे , बता दो।
मैं तुम्हारे घर की झूठन खा किस दिन पाप मुक्त होऊंगा बताते जाओ।
मुझे कब तक फेंक कर चवन्नी और दो बासी रोटी मिलेगी।
मेरा पानी का बरतन कब तक वहाँ कोने में अलग थलग पड़ा रहेगा।
मुझे मेरी संतान का नाम कब तक सोमारू , मंगरा , बुधना , बिफना , सुकरा , शनिचरा , ऐतवारु यही सब रखना ही होगा।
मुझे घोड़े पर चढ़ने कब मिलेगा।
मैं अपनी बेटी के ब्याह में कब बाजा बजा पाउँगा।
मैं कब आपको मालिक बोलना बंद कर सकूंगा।
चरणरज सर पर लगाना जो सिखाया वह भुला दो।
चरणामृत पीना घुट्टी में पिलाया उसे हटा दो।
हमारे शारीरिक श्रम के मूल्य को न्यूनतम रखने और बेगारी के षड्यंत्र का पर्दाफाश कर दो।
हमे छू कर , हमारे साथ सो कर हम पर एहसान करने की परम्परा कैसे डाली बता तो दो।
ये स्वर्णजड़ित मुकुट - सिंहासन तुमने किस पुरुषार्थ से अरजे बता तो दो।
मुझे पूर्वजन्म और बाप-दादों के पाप से डराना कब तक बंद कर दोगे , बता दो।
मैं तुम्हारे घर की झूठन खा किस दिन पाप मुक्त होऊंगा बताते जाओ।
मुझे कब तक फेंक कर चवन्नी और दो बासी रोटी मिलेगी।
मेरा पानी का बरतन कब तक वहाँ कोने में अलग थलग पड़ा रहेगा।
मुझे मेरी संतान का नाम कब तक सोमारू , मंगरा , बुधना , बिफना , सुकरा , शनिचरा , ऐतवारु यही सब रखना ही होगा।
मुझे घोड़े पर चढ़ने कब मिलेगा।
मैं अपनी बेटी के ब्याह में कब बाजा बजा पाउँगा।
मैं कब आपको मालिक बोलना बंद कर सकूंगा।
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