उन्हें १९६२ के अपने किये पर शर्म आती है क्या -जब वित्त मंत्री ने सेना के लिये अतिरिक्त धन सेंक्शन करने से मना कर दिया था और जब रक्षा मंत्री प्रधानमंत्री के पास गये तो खा गया की यह दो मंत्रालयों की आपस की बात है - प्रधानमंत्री इसमें क्या करे। जब सेना को लगभग नंगे पेअर या फ़टे हुए जुटे और स्वेटरों -जर्सी के बल बुते बर्फीली चौकियों पर तैनाती का आदेश दिया गया।
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