आखिर चीन दूत से मुलाकात छिपाई ही क्यों थी , और फिर उसे झूठ क्यों बताया , फिर उसे सत्ता पक्ष द्वारा प्लांटेड न्यूज क्यों बताया - और अंत में उसे स्वीकारना क्यों पड़ा ?
जहाँ जाते हो पहले से मिडिया , यहाँ मिडिया को यह हिदायत की न्यूज मत बनाओ
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