Monday, 3 July 2017

अधिकांश के पास गौरवशाली विस्तृत चमचमाता इतिहास था , है  !
मेरे पास तो न था , न है , न होगा , बस  मैं और मेरे ये दिन दो चार !!
अपनी चादर अपने बूनी , अपने धोई , अपने पसारी , अपने ही ओढ़ी
बूनी ,ओढ़ी , धोई ,  पसारी  चादर , साफ चमचमाती रहे , विश्वास है !

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