Monday, 17 July 2017

संघर्षजीवी राष्ट्रप्रेमी !
 घृणा और घृणा फ़ैलाने वालों के खिलाफ  आज भी जंग जारी है , रहेगी।
 जीतने  या हारने के लिए नहीं - अनुचित-अन्याय , अतिरेक , अतिरंजना , उन्माद के खिलाफ। 
यह जानते हुए भी की उकसाने वाले बाज  नहीं आवेंगे। 
तब भी यह बताते हुए की विरोध करने वाले और विरोध में लड़ने वाले भी कब बाज आवेंगे। 

No comments:

Post a Comment