Wednesday, 26 July 2017

एक तुम्हारा देखा , सुना , कहा  ही नहीं ; और भी बहुत से आयाम है.
 - हो सकता है उनमें से कोई तुम्हारे  वाले से भिन्न हो !
तुम्हीं फूल एन्ड फाइनल सही ही हो ?
और दूसरे जो भिन्न मत रखते-कहते -समझते -देखते हैं ; वे सब गलत ही है ?
यह मैं अभी से कैसे मान  लूँ !

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