Monday, 10 July 2017

संविधान में सभी के बराबरी से हैं परेशान।
 सबको मिला समान अधिकार और वोट - उससे भी परेशान।
 पहले हजारों साल के अन्याय का निवारण - अस्पृश्यता  के उन्मूलन से परेशान।
 और पूर्व में अवसर वंचित वर्ग के प्रति किये गए न्याय के प्रयास से परेशान  !
अब क्या कभी चरणामृत नहीं पीला पाएँगे।
 चरण प्रच्छालन करवावल जाओ यजमान - अब क्या कभी नहीं ?
हाय , अब हमारी चरण रज का क्या होगा ?

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