संविधान में सभी के बराबरी से हैं परेशान।
सबको मिला समान अधिकार और वोट - उससे भी परेशान।
पहले हजारों साल के अन्याय का निवारण - अस्पृश्यता के उन्मूलन से परेशान।
और पूर्व में अवसर वंचित वर्ग के प्रति किये गए न्याय के प्रयास से परेशान !
अब क्या कभी चरणामृत नहीं पीला पाएँगे।
चरण प्रच्छालन करवावल जाओ यजमान - अब क्या कभी नहीं ?
हाय , अब हमारी चरण रज का क्या होगा ?
सबको मिला समान अधिकार और वोट - उससे भी परेशान।
पहले हजारों साल के अन्याय का निवारण - अस्पृश्यता के उन्मूलन से परेशान।
और पूर्व में अवसर वंचित वर्ग के प्रति किये गए न्याय के प्रयास से परेशान !
अब क्या कभी चरणामृत नहीं पीला पाएँगे।
चरण प्रच्छालन करवावल जाओ यजमान - अब क्या कभी नहीं ?
हाय , अब हमारी चरण रज का क्या होगा ?
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