Wednesday, 4 March 2015

ऐ मेरे बचपन , तुमने कब कहा था , कि मैं जाऊँगा ही
चले गये कोई बात नहीं कह कर जाते तो अच्छा होता .
धीरे धीरे चला गया बचपन , बिना बताये कहीं खो गया
यादों की खिड़की से अब भी झाँका बचपन जो था खो गया

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